
मुरली श्याम
चंदौली। चकिया वन रेंज के चकरा जंगल में वन विभाग की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने गई पुलिस फोर्स व वन विभाग की टीम को ग्रामीणों के विरोध के चलते बैरंग लौटना पड़ा। महिलाएं बुलडोजर के सामने लेट गईं। ऐसे में वन विभाग व पुलिस को अतिक्रमण के खिलाफ अभियान बंदकर वापस लौटना पड़ा। रेंजर ने ग्रामीणों के खिलाफ तहरीर दी।
रामशाला, खोजापुर, बनभीषमपुर सहित कई गांवों के भूमिहीन लोग 50 वर्षो से अधिक समय से वन विभाग की भूमि पर झोपड़ीनुमा मकान बनाकर जीविकोपार्जन करते हैं। लगभग 30 हेक्टेयर भूमि पर खेती-बाड़ी का काम करते रहे हैं। इसे कब्जा मुक्त कराने के लिए वन विभाग की टीम भारी पुलिस बल के साथ पहुंची। उक्त जमीन पर पौधारोपण कराने की बात कहकर झोड़पियों को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की गई। अभी बुलडोजर से एक ही झोपड़ी गिराई गई और पौधारोपण के लिए गड्ढा खोदाई का काम शुरू हुआ तब तक महिलाएं जेसीबी के सामने लेट गईं। भगवानी, बिंदा, सरोजा देबी समेत अन्य महिलाएं बुलडोजर के सामने जमीन पर लेट गईं। स्थिति गंभीर होती देख वन विभाग एवं पुलिस टीम मकान मालिक सुनील पाल तथा वृद्धा राजा देवी को पकड़ कर चकिया कोतवाली ले आयी। वही वन रेंज अधिकारी योगेश कुमार सिंह ने कोतवाली में महिला राजा देबी, सुनील कुमार तथा कुछ लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किए जाने हेतु चकिया कोतवाली में तहरीर दी। बस्ती के राजनाथ, बटेश्वर, सीता पाल, गुड्डू सियाराम, रम्मन, बिहारी, निजामुद्दीन, पप्पू, रामवचन, रामलखन, कयामुद्दीन, महेश, भाईलाल, जब्बार, कुतुबुद्दीन आदि का कहना है कि लगभग 80 वर्षों से पूर्वजों के जमाने से लगभग 100 लोगों का परिवार चकरा जंगल में रहता है। जहां खेती-बाड़ी करके सभी लोग अपने परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं। जिन्हें बिना सूचना के अचानक उजाड़ने का प्रयास किया गया। रेंजर ने कहा कि आरक्षित 30 हेक्टेयर वन भूमि पर कुछ लोग जबरदस्ती कब्जा जमाए हुए थे। उसे खाली कराने गयी टीम के सामने एक महिला ने मडई में आग लगा दी। सरकारी कार्य में बाधा डालने का प्रयास किया। इस मामले में आग लगाने वाली महिला, उसके पुत्र तथा सरकारी कार्य में बाधा डालने वाले कुछ लोगों के विरुद्ध तहरीर दी गई है। आरक्षित वन भूमि में प्लांटेशन किया जाना है। इसे खाली कराया जाएगा।