चंदौली। ग्राम्या संस्थान व आर्थिक अनुसंधान केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में गुरुवार को सीएमओ कार्यालय सभागार में विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया गया। इस दौरान आयोजित संवाद कार्यक्रम में सरकारी और निजी अस्पतालों में व्याप्त समस्याओं पर चर्चा की गई। पांच सूत्री मांगपत्र सीएमओ को सौंपा गया।
वक्ताओं ने कहा कि 1948 में डब्ल्यूएचओ की स्थापना की सालगिरह को चिह्नित करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। प्रत्येक वर्ष, दुनिया में सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता के एक प्राथमिकता क्षेत्र को उजागर करने के लिए एक विषय का चयन किया जाता है। यह एक वैश्विक पहल है जिसका उद्देश्य दुनिया भर में समुदायों को प्रभावित करने वाले स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के लिए जागरूकता बढ़ाना और वकालत करना है। इस वर्ष की थीम सबके लिए स्वास्थ्य है।
सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन अपनी 75 वीं वर्षगांठ का निरीक्षण करेगा, जिससे सभी के लिये स्वास्थ्य हर स्तर पर सुनिश्चित किया जा सके। संवाद मंे नौगढ़ व चकिया से 85 महिलाओं ने प्रतिभाग किया। ग्राम्या संस्थान की निदेशक बिंदु ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। कहा कि 1948 में, दुनिया के देश एक साथ आए और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, दुनिया को सुरक्षित रखने और कमजोर लोगों की सेवा करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन स्थापित किया गया। नीतू ने बताया कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं, स्वास्थ्य रोकथाम और पदोन्नति, चिकित्सा शिक्षा और सभी आउट पेशेंट के लगभग 30 से 42 प्रतिशत असंगत सेवाओं का एक बड़ा हिस्सा कवर करती हैं। स्वास्थ्य प्रणाली और विशेष रूप से निजी क्षेत्र की ओर कमजोर नियामक तंत्र के ऐतिहासिक अंडरफंडिंग, क्रमिक सरकारों द्वारा स्वास्थ्य के लिए कम प्राथमिकता को दर्शाते हैं। स्वास्थ्य विभाग की मनमानी मसलन प्रसव के समय पैसे की मांग करना, जन्म प्रमाण पत्र के लिए पैसे की मांग करना आदि समस्याओं की ओर सीएमओ का ध्यान आकृष्ट कराया गया। सीएमओ ने जांच कराने और उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।