वाराणसी। होली के त्यौहार को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के अवकाश निरस्त करने के साथ ही सभी सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं के लिए 24 घंटे अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि होली के त्यौहार के मद्देनजर चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के अवकाश निरस्त कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि होली पर दुर्घटनाएं, मार्ग दुर्घटनाएं अधिक होती है। लिहाजा आपातकालीन सेवा के लिए चिकित्सकों, स्टाफ नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी लगा दी गयी है। एंबुलेंसकर्मियों को भी सक्रिय रहने और समय से कॉल रिसीव करने का निर्देश दिया गया है।
इसके अलावा मण्डलीय चिकित्सालय, जिला चिकित्सालय व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में बेड आरक्षित किये गये हैं। ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित उपचार किया जा सके। होली में केमिकल युक्त रंगों के प्रयोग से त्वचा झुलसने के साथ ही श्वांस व नेत्र रोग सम्बन्धित मामलों की आशंका अधिक रहती है। इसे देखते हुए सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर नेत्र रोग तथा त्वचा रोग से सम्बन्धित पर्याप्त औषधियों के साथ चिकित्सकों को भी सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
सीएमओ ने कहा कि केमिकल युक्त रंगों से बचाव का बेहतर तरीका है। कि होली वाले दिन घर निकलने से पहले पूरे शरीर में तेल अवश्य लगाए। ऐसे कपड़े पहने जिससे शरीर का अधिकांश हिस्सा ढका रहे। इतना करने के बाद भी यदि किसी ने आपकों केमिकल युक्त रंग लगा दिया है। आपके शरीर के किसी हिस्से में जलन अथवा किसी भी तरह की परेशानी हो तो चिकित्सक से तत्काल परामर्श लेना चाहिए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि पहले के जमाने में होली हर्बल रंगों से ही खेली जाती थी। लोग टेंसू या फिर अन्य फूलों को भिंगों कर होली खेलने के लिए रंग तैयार करते थे। इसके साथ ही चंदन, रोली का प्रयोग भी होली खेलने में होता था। ऐसे में होली पर लोगों को केमिकल रंगों से बचते हुए हर्बल रंगों का प्रयोग करना चाहिए।