तरुण भार्गव
चंदौली। शिक्षक बनाने के नाम पर जीवन आशा फाउंडेशन नामक संस्था पर धर्म परिवर्तन कर ईसाई बनाने के आरोप लगे हैं। वेतन के लिए काम करने वालों का धर्मांतरण कर ईसाई बनाया जाता है। संस्था से जुड़े चार लोगों पर पहले ही मुकदमा दर्ज हो चुका है। इस खेल में एलआईयू कर्मी के साथ ही शिक्षा विभाग का पूर्व कर्मचारी भी संलिप्त है। इसको लेकर कई बार नौगढ़ व सोनभद्र के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत हुई, लेकिन अभी तक कोई मुकम्मल कार्रवाई नहीं हुए।
लोगों की मानें तो जीवन आशा फाउंडेशन से जुड़े अधिकारी योगेंद्र कुमार, अजीत कुमार, संदीप कुमार आदि के साथ-साथ एलआईयू विभाग के सरकारी कर्मचारी संदीप कुमार, वीरेंद्र कुमार, अश्विनी आदि लोगों को शिक्षक बनाने का नाम पर धर्म परिवर्तन कराकर ईसाई बना रहे हैं। इस गिरोह के बारे में जन सूचना अधिकार के तहत जवाब भी मांगा गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसका आडियो, वीडियो और फोटो भी उपलब्ध है। इसमें पैसे के लिए आरोपित आदिवासी समाज के लोगों को बरगलाते दिख रहे हैं। लोगों ने इसकी शिकायत डीएम, एसपी के साथ ही नौगढ़ व रावर्ट्सगंज के स्थानीय अधिकारियों से की, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है। वादी अशोक कुमार केसरी का कहना है कि नौकरी के नाम पर धन उगाही, पैसे का लालच देकर धर्मांतरण का खेल चल रहा है। फाउंडेशन की ओर से शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर 15,000 तथा फार्म भरने के नाम पर 2000, और जिला कोऑर्डिनेटर के लिए 35,0000 की धनराशि की उगाही करने का आरोप लगा है। वहीं नौगढ़ सहित रावर्ट्सगंज के गरीब बनवासी आदिवासियों को धन का लालच देकर धर्मांतरण के लिए विवश किया जा रहा है। लोगों की मानें तो कम से कम 10 जिलों में धर्मांतरण का खेल चल रहा है। संगठन से जुड़े कई लोग नौगढ़, सोनभद्र में चर्च भी संचालित करते हैं। लोगों का कहना रहा कि यदि आरोपितों पर शीघ्र शिकंजा नहीं कसा गया तो उग्र आंदोलन व चक्काजाम किया जाएगा।