
चंदौली। जिले के नगरीय व ग्रामीण इलाके के अस्पताल अब पावर कट के चलते रात के वक्त अंधेरे में नहीं डूबेंगे। अस्पतालों को सोलर प्लांट की ऊर्जा से लैस कर दिया गया है। मुख्य विकास अधिकारी अजितेंद्र नारायण ने जिला अस्पताल में फीता काटकर सोलर प्लांट का उद्घाटन किया। सोलर प्लांट से बिजली के साथ 1500 पेड़ों के बराबर आक्सीजन भी मिलेगी। इससे मरीजों व उनके तीमारदारों को काफी सहूलियत होगी।

जिला संयुक्त जिला चिकित्सालय, सामुदायिक/प्राथमिक चिकित्सालयो में एरेडा के सीएसआर मद से 30 किलोवाट, 10 किलोवाट व 5 किलोवाट के सोलर प्लांट की स्थापना कराई गई है। सीडीओ ने इसका उद्घाटन किया। एरेडा ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 5 किलोवाट, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 10 किलोवाट व जिला अस्पतालों में 30 किलोवाट हाइब्रिड सोलर पावर प्लांट का निर्माण कराया है। कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश स्टेट कंस्ट्रक्शन एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलवमेंट कारपोरेशन लिमिटेड की मदद से सोलर प्लांट स्थापित किए गए हैं। 30 किलोवाट के सोलर पावर प्लांट लगाने से जिला अस्पताल के लाइट, फैन एवं आदि उपकरण को कनेक्ट कर दिया गया है। सोलर के संयोजन से अस्पताल को सालाना लगभग 30,000 यूनिट एनर्जी सोलर एनर्जी सिस्टम से मिलेगा, जो लगभग 1500 पेड़ों के बराबर आक्सीजन उत्पादन करेगा। वहीं 43.5 टन कार्बन डाईआक्साइड का सालाना उत्सर्जन में कमी होगी। सोलर पावर प्लांट के साथ बैटरी का स्थापना किया गया है। इससे रात के समय भी सोलर प्लांट से एनर्जी की सप्लाई अस्पताल को मिलेगी। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. वाईके राय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, कार्यदाई संस्था यूपीसिडको के सहायक अभियंता केके वर्मा आदि उपस्थित रहे।

अब रात में नहीं होगी परेशानी
अतिपिछड़े जिले में बिजली कटौती का क्रम रुक नहीं रहा है। नगरीय व ग्रामीण इलाकों में दिन के साथ ही रात में भी बिजली गुल हो जाती है। ऐसी स्थिति में अस्पताल भी अंधेरे में डूब जाते हैं। बिजली के अभाव में मरीजों के उपचार में दिक्कत होती है। वहीं जांच आदि की सेवाएं भी ठप हो जाती हैं। सोलर प्लांट का संचालन शुरू होने से इस तरह की समस्याएं कम होंगी। वहीं मरीजों का इलाज ठीक ढंग से किया जा सकेगा।