चंदौली। अखिल भारतीय देववंशी पटवा समाज की ओर से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय जंग बहादुर पटवा की जयंती सकलडीहा कस्बा में रविवार को क्रांति दिवस के रूप में मनाई गई। इस दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साथ ही उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया।
प्रदेश अध्यक्ष माता प्रसाद देववंशी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जंग बहादुर पटवा का जन्म उत्तर प्रदेश के हरदोई जनपद के बालामऊ (कछौना) में 20 नवम्बर 1905 में हुआ था। उस समय भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन चरम पर था। भारत के सम्पूर्ण जनमानस की रगों में देशभक्ति की भावना हिलोरे मार रही थी। बालक जंगबहादुर भी इससे अछूते नहीं रहे। किशोरावस्था में फिरंगी बरतानिया शासन के विरोध में सक्रिय हो चुके थे। वहीं विचारक अखिलेश पटवा संयुक्त मंत्री ने कहा कि वीर जंगबहादुर पटवा स्वतंत्रता आंदोलन के बहुचर्चित काकोरी कांड में भी शरीक रहे थे। इसके चलते ब्रिटिश सरकार ने उनको गिरफ्तार करके हरदोई के जिला कारागार में बंद कर दिया। इसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट लखनऊ के न्यायालय से 6 माह के कठोर कारावास की सजा हुई। उनको हरदोई जिला कारागार से जिला जेल बाराबंकी के लिए स्थानांतरित कर दिया गया। जेल से छूटने के बाद वे फिर से देश की आजादी के लिए हाथ में तिरंगा लेकर गांव-गांव जाकर लोगों के बीच आजादी का बिगुल फूंकते रहे। कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव देववंशी, महामंत्री आकाश् पटवा, संयोजक इंजीनियर टीएन देववंशी, अरविंद पटवा,विजय बहादूर पटवा, विनोद पटवा, हरिश्चन्द्र पटवा, प्रदीप पटवा, प्रमोद देववंशी,गजराज पटवा,एडवोकेट अंबर पटवा, दिलीप पटवा,सोमनाथ देववंशी, राजकुमार देववंशी, अनुज सुदेश पटवा मौजूद रहे।