
तरुण भार्गव
चंदौली। वन आश्रितों को जंगल से बेदखल ना करने तथा सीलिंग की जमीन को भूमिहीन ग्रामीणों को देने आदि की मांग को लेकर की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी जिला कमेटी चंदौली की एक बैठक सोमवार को संपन्न हुई। निर्णय लिया गया कि बैराट फार्म मूसाखाड़ शाहपुर में सीलिंग से निकली जमीन को दलित भूमिहीनों को आवंटित किए जाने, वन भूमि पर बसे हुए आदिवासियों को वन भूमि से बेदखल नहीं करने, परती भूमि भूमिहीनों को आवंटित करने, वृक्ष विहीन पहाड़ियों पर पत्थर खनन की अनुमति दिए जाने आदि मांगो को लेकर वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए तथा आंदोलन को तेज करने की बात कही। आगामी 28 सितंबर को भगत सिंह की जयंती के अवसर पर शिकारगंज के बैराट फार्म से पैदल मार्च निकालकर उप जिलाधिकारी चकिया को ज्ञापन देने का भी निर्णय लिया गया। वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह ने कहा था कि अंग्रेजों से आजादी तो मिल जाएगी लेकिन डर है कि आजाद हिंदुस्तान की आजादी पूंजीपति जमीदारों की तिजोरी में कैद ना हो जाए। भगत सिंह की आशंका आज सच साबित हो रही है। हजारों दलित आदिवासी गुलामों जैसा जीवन जी रहे हैं। शिकारगंज क्षेत्र स्थित बैराट फार्म महाराजा काशी नरेश की संपत्ति है, जिस पर पिछले कई वर्षों से भूमिहीन वन आश्रित ग्रामीण खेती कर अपना जीवन यापन करते हैं। कई बार उक्त जमीन को लेकर खूनी संघर्ष भी हो चुका है।