चंदौली। जिले के बर्थरा गांव के प्रगतिशील किसान मत्स्य व कुक्कुट पालन कर अपनी आय दोगुना कर रहे हैं। जिलाधिकारी संजीव सिंह व भूतपूर्व निदेशक मत्स्य और मत्स्य मंत्रालय के परामर्शदाता एसके सिंह ने गुरुवार को रियरिंग यूनिट व बायोफ्लाक पांड का निरीक्षण किया। इस दौरान किसानों से जानकारी ली। साथ ही उन्हें खेती के साथ मत्स्य पालन पर प्रोत्साहित किया।
जिलाधिकारी ने बताया कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में प्रदेश में सराहनीय कार्य हो रहा है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों से मत्स्य पालन के क्षेत्र में कराए जा रहे कार्यों की जानकारी ली। साथ ही विभाग के पहल की सराहना की। जिले में विभिन्न प्रकार की मछलियां प्यासी, रोहू, कतला, नैन, सिंघी, तिलफिया आदि मछलियों की प्रजाति तैयार की जा रही है। डीएम ने मत्स्य पालन करने वाले किसानों से बात की। पूछा कि शासन के निर्धारित योजनाओं का लाभ उन्हें मिल रहा है अथवा नहीं। डीएम ने कहा कि चंदौली एक आकांक्षी जनपद है। केंद्र व प्रदेश सरकार के मार्गदर्शन व निर्देशन में किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में तमाम कार्य किए जा रहे हैं। किसान मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन समेत अन्य कार्य कर रहे हैं। किसानों को परंपरागत खेती के साथ ही मत्स्य व कुक्कुट पालन करना चाहिए। जिले में वर्तमान में 2600 टन मछली का उत्पादन हो रहा है। औसत प्रति हेक्टेयर उत्पादन 50 कुंतल उत्पादन होता है। बताया कि जिले में अत्याधुनिक फीस मंडी के निर्माण को स्वीकृति मिली है। इसका निर्माण जल्द प्रारंभ होने वाला है। मछली मंडी बनने के बाद चंदौली के साथ ही वाराणसी व आसपास के इलाके के मत्स्य पालकों को काफी लाभ होगा। बर्थरा कला में लालमनी सिंह को बायोफ्लॉक योजना, तारा देवी तालाब निर्माण प्रोत्साहन योजना, शिवदास सिंह तालाब निर्माण योजना, बाचाभूषण सिंह रियरिंग यूनिट योजना, रामअनन्त सिंह को रियरिंग यूनिट योजना से लाभान्वित किया गया है। इस दौरान उप निदेशक मत्स्य वाराणसी मंडल अनिल कुमार व मुख्य कार्यकारी अधिकारी विकास कुमार समेत अन्य मौजूद रहे।