लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शहरों में निर्मित बहुमंजिला इमारतों के फ्लैटों में रहने वाले अब सरकार को गफलत में नहीं रख सकेंगे। उन्हें हर हाल में सरकार को टैक्स देना ही पड़े़गा। इसके लिए सरकार ने फ्लैटों का जल्द ही सर्वे शुरू करने की तैयारी है। यह पता लगाया जाएगा कि ऐसे कितने फ्लैट मालिक हैं जो हाउस टैक्स नहीं दे रहे हैं। इसके बाद, उनसे बिजली कनेक्शन या फ्लैट की रजिस्ट्री की तारीख पर हाउस टैक्स वसूला जाएगा। इसमें मुख्य रूप से एकल आवासीय भूखंडों पर फ्लैटों का निर्माण करने वाले छोटे बिल्डर दायरे में आएंगे। ये बिल्डर एक ही प्लॉट का हाउस टैक्स देकर कई फ्लैट बेचते हैं और टैक्स केवल एक घर के लिए दिया जाता है।
शहरों में छोटे भूखंडों पर, एक इमारत का नक्शा पास किया जाता है और दो से तीन मंजिला इमारतें बनाई जाती हैं। ऐसी इमारतों में छह से 10 फ्लैट हैं। विभाग के संज्ञान में आया है कि ऐसे फ्लैटों में रहने वाले ज्यादातर लोग हाउस टैक्स नहीं दे रहे हैं। इसलिए सर्वेक्षण के दौरान ऐसे फ्लैटों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। स्थानीय निकाय निदेशालय का मानना है कि सर्वेक्षण के दौरान हजारों फ्लैट मालिकों से हाउस टैक्स वसूला जाएगा। स्थानीय निकाय निदेशक डॉ. काजल के अनुसार निकायों की आय बढ़ाने के लिए हाउस टैक्स संग्रह पर जोर दिया जा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए, एक जीएसआई सर्वेक्षण आयोजित किया जा रहा है। इससे सरकार का राजस्व बढ़ेगा और टैक्स चोरी रुकेगी।
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