
वाराणसी। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में आंदोलनरत बिजली कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार मंगलवार दूसरे दिन भी जारी रहा। आपूर्ति सुनिश्चित करने को किए गए प्रशासनिक इंतजाम औंधे मुंह गिर गए। पूर्वांचल में बिजली बिन त्राहि-त्राहि मच गई। न कंट्रोल रूम की व्यवस्था कारगर साबित हुई ना ही एसडीएम और ठेकेदार की जुगलबंदी रंग दिखा सकी। ठेकेदार प्रशासनिक अधिकारियों की बजाए विभागीय अधिकारियों का हुकुम बजाते नजर आए। बिजली नहीं मिलने से पानी का संकट भी उत्पन्न हो गया। इस अव्यवस्था से जनता में भारी आक्रोश देखने को मिला। लोग शासन और प्रशासन को कोसते नजर आए। बिजली कर्मचारी संगठन के नेताओं और शासन के बीच कई दौर की वार्ता हुई जो बेनतीजा ही रही। कई दफा लगा कि कर्मचारी शायद मान जाएंगे लेकिन कयास हवा हवाई साबित होकर रह गए।
मंत्री समूह की कर्मचारी नेताओं से चल रही वार्ता
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक चंद्रशेखर चाौरसिया और घटक संगठन सदस्य आरके वाही की माने तो मंत्री समूह से संगठन की वार्ता चल रही है। आंदोलन बैठक के नतीजों पर निर्भर करेगा। सोमवार को ऊर्जा मंत्री और संगठन के बीच बातचीत में लगभग बात बन गई थी। लेकिन चेयरमैन ने मसौदे पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया। ऐसे में हड़ताल जारी रखनी पड़ी।

कमिश्नर और आईजी करते रहे चक्रमण
प्रशासनिक अधिकारी दावा करते रहे कि संविदा कर्मचारियों से समस्या सुलझा ली जाएगी। लेकिन व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी। बैकअप के रूप में इन्वर्टर भी दगा दे गए। सरकारी दफ्तरों में भ्ज्ञी कामकाज प्रभावित हुआ। वाराणसी में जिलाधिकारी और एसपी ने धरनास्थल पर पहुंचकर कर्मचारियों से बात की लेकिन कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकल सका। व्यवस्था सुचारु रूप से संचालित कराने को कमिश्नर वाराणसी मंडल दीपक अग्रवाल और आईजी रेंज विजय सिंह मीना ने कई बिजली उपकेंद्रों का निरीक्षण किया और कर्मचारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

लोगों में आक्रोश सपाइयों ने किया प्रदर्शन
विद्युत कटौती के लोगों में काफी आक्रोश है। उपकेंद्रों पर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। वाराणसी में सपा कार्यकर्ताओं ने बीएचयू सब स्टेशन पर प्रदर्शन किया। पार्षद दल के नेता कमल पटेल और पूर्व पार्षद वरुण सिंह ने कहा कि गांधीनगर, सुंदरपुर, सरायनंदन आदि इलाकों में बिजली रात से ही गायब है। सुंदरपुर चाौकी प्रभारी मौके पर पहुंचे और आपूर्ति शुरू करवाई तब जाकर लोग शांत हुए। प्रदेश में तकरीबन 15 लाख बिजली कर्मचारी हड़ताल पर हैं। पहले दिन तकरीबन 65 फीसद क्षेत्र में बिजली गुल रही। मीरजापुर, गीजापुर, चंदौली, जौनपुर, आजमगढ़, मऊ आदि जनपदों में भी लोग बिजली बिन बिलबिला गए हैं।