
चंदौली। मनराजपुर के हिस्ट्रीशीटर कन्हैया यादव के घर दबिश के दौरान युवती की मौत के बाद से सैयदराजा पुलिस चर्चा में है। मनराजपुर कांड प्रदेश के सबसे चर्चित मामलों में शामिल हो गया है। विपक्ष के सभी बड़े नेता सरकार की आलोचना करने के साथ पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि फौरी कार्रवाई के तौर पर इंस्पेक्टर उदय प्रताप सिंह और पांच आरक्षी निलंबित किए जा चुके हैं और उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया है। लेकिन अभी तक युवती की मौत पर रहस्य बरकरार है। जांच के नाम पर मामले को जबर्दस्ती खींचा जा रहा है। सिस्टम द्वारा दागी पुलिसकर्मियों को बचाने का यह चलन काफी पुराना है। सपा आज भले ही बीजेपी सरकार पर पुलिस के इस्तेमाल का आरोप लगा रही है लेकिन उसके कार्यकाल में भी भ्रष्ट और दागी पुलिसवाले सत्ता के संरक्षण में खूब फलते-फूलते थे। दारोगा बिनोद यादव प्रकरण इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
2015 में सैयदराजा थाने के लाकअप में हो गई थी शिक्षक की मौत
24 जून 2015 तब प्रदेश में सपा की सरकार थी और अखिलेश यादव सूबे के सीएम थे। तब भी मलाईदार सैयदराजा थाने में तगड़े जुगाड़ पर ही थानेदार की पोस्टिंग हुआ करती थी। दारोगा बिनोद यादव की सपा सरकार में अच्छी पैठ थी। बिनोद यादव को पहले मुगलसराय कोतवाली का प्रभार मिला। उस समय शासन ने यह नियम लागू किया था कि उपनिरीक्षक भी कोतवाली का प्रभार देख सकते हैं। बहरहाल मुगलसराय में तैनाती के दौरान किसी मामले में लाइन हाजिर होने के बाद बिनोद यादव को सैयदराजा थाने का प्रभारी बना दिया गया। फिर 24 जून की वो घटना जब दहेज हत्या के मामले में हिरासत में लिए गए सैयदराजा के अबुल कलाम नगर निवासी जाकिर हुसैन का शव थाने के लाकअप में शर्ट के सहारे दरवाजे से लटकता मिला। पुलिसवालों के हाथ पांव फूल गए। कहानी बताई गई कि आरोपी ने अपने शर्ट के सहारे फांसी लगा ली। लेकिन परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया। लाकअप में सुरक्षा व्यवस्था के बीच बंदी के फांसी लगाने की बात किसी को पच नहीं रही थी। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि लाकअप के ठीक सामने लगाया गया सीस टीवी कैमरा वहां से गायब कर दिया गया है। कार्रवाई के तौर पर थानाध्यक्ष बिनोद यादव सहित एक दीवान और पहरे पर तैनात सिपाही को निलंबित कर घटना की मजिस्ट्रियल जांच बैठा दी गई। लेकिन जांच ठंडे बस्ते में चली गई और कुछ ही दिन बाद बिनोद यादव को सबसे महत्वपूर्ण यातायात महकमे का प्रभारी बना दिया गया।