
चंदौली। सड़क राजमार्ग व परिवहन मंत्रालय ने महात्वाकांक्षी परियोजना आईआरएडी सड़क हादसों पर लगाम लगाने में कारगर साबित होगी। इसके जरिए जिले में नेशनल हाईवे व मुख्य मार्गों पर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों को चिह्नित किया जा रहा है। इन स्थानों पर बोर्ड लगाने के साथ सुधार के अन्य कार्य कराए जाएंगे। यातायात विभाग ने इसको लेकर पहल शुरू कर दी है। उम्मीद जताई जा रही है कि शासन-प्रशासन की यह कवायद कारगर साबित होगी और लोगों को दुर्घटनाओं में अपनी जान नहीं गंवानी पड़ेगी।
जिले में सड़कों पर तमाम ब्लैक स्पाट हैं, जहां अक्सर हादसे होते हैं। इन स्थानों पर हादसों में राहगीरों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। वहीं दुर्घटना में अंग-भंग कराकर दिव्यांग का जीवन जीने के लिए विवश होते हैं। शासन-प्रशासन ने इसके लिए कवायद शुरू कर दी है। सड़क राजमार्ग व परिवहन मंत्रालय ने इसके लिए आईआरएडी एप्लिकेशन लांच किया है। इसके जरिए जिले में ब्लैक स्पाट को चिह्नित किया जा रहा है। इन स्थानों पर सुधार किया जाएगा। ताकि भविष्य में हादसों की गुंजाइश कम रहे। यातायात सीओ रघुराज की ओर से थानों में पुलिसकर्मियों को इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पुलिसकर्मियों को एप्लिकेशन के इस्तेमाल व डेटा फीडिंग के तरीके सिखाए जा रहे।
जानिए अब तक कितने हादसे हुए
मार्च में एप्लिकेशन लांच किया गया है। जिले में तब से अब तक कुल १२४ दुर्घटनाएं हुईं। अलीनगर थाना क्षेत्र में 18, बबुरी चार, बलुआ 11, चकिया 16, चंदौली 21, धानापुर व धीना में दो-दो, पीडीडीयू नगर 10, नौगढ़ में आठ, शहाबगंज सात, सकलडीहा तीन, सैयदराजा 19 और इलिया में तीन हादसे हुए। सबसे अधिक प्रविष्टियों के साथ सदर कोतवाली सबसे आगे है। पुलिसकर्मियों को दुर्घटनाओं के रिकार्ड एप्लिकेशन में अपलोड करने का तरीका बताया जा रहा है।