वाराणसी। एसएसपी अमित पाठक ने पशु तस्करी को लेकर बड़ा एक्शन लिया है। तस्करों के साथ संलिप्तता के आरोप में चाौकी सूजाबाद थाना रामनगर पर नियुक्त मुख्य आरक्षी अयोध्या प्रसाद को निलंबित करने के साथ चार दारागाओं के खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की कार्रवाई से महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। तस्करों से साठ-गांठ रखने वाले पुलिसकर्मियों की धुकधुकी बढ़ गई है।
एसएसपी ने पशु तस्करी में संलिप्तता के आरोप में मुख्य आरक्षी को निलंबित करने के के साथ ही पर्यवेक्षण में शिथिलता के आरोप में निरीक्षक सतीश कुमार सिंह तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक थाना आदमपुर, निरीक्षक नरेश कुमार सिंह प्रभारी निरीक्षक थाना रामनगर, उपनिरीक्षक आशीष मिश्रा थाना रामनगर व उपनिरीक्षक रमेश यादव तत्कालीन चाौकी प्रभारी आदमपुर के विरूद्ध विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। वाराणसी के कप्तान की इस कार्रवाई से पडोसी जिले चंदौली का पुलिस महकमा भी सन्न है। डर है कि कहीं यहां के कप्तान भी पशु तस्करी के मामले में जांच करा दिए तो कइयों की कलई खुल जाएगी। बतादें चंदौली बिहार राज्य का सीमावर्ती जिला होने के कारण पशु और शराब तस्करी को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहता है।
अक्सर सुर्खियों में रहते हैं सीमावर्ती जिले
वाराणसी, चंदौली, भदोही, मिरजापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, बलिया आदि जिलों में अक्सर पशु तस्करी की खबरें प्रकाश में आती रहती हैं मगर कभी इसपर रोक नहीं लग सकी। कई बार तो पशु तस्कर अपने वाहनों से पुलिसकर्मियों को कुचल भी चुके हैं। बावजूद इसके पुलिसकर्मियों की साठ गांठ से पशु तस्करी बदस्तूर जारी है। चर्चा है कि चंदौली में अक्सर ग्रामीण पशु तस्करों को पकड लेते हैं लेकिन स्थानीय पुलिस ग्रामीणों के जाते ही मामला रफादफा कर देती है।