चंदौली। देशी शराब में मिलावटखोरी का खेल अब बंद हो जाएगा। शराब अब शीशी व कागज के पैकेट में बिकेगी। शासन ने आबकारी नीति में बदलाव करते हुए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। प्रदेश में जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। ऐसे में देसी शराब को शीशी व कागज के पैकेट (टेट्रा पैक) में बेचने का निर्णय लिया गया है। मिलावटखोरों के लिए इसकी सील तोड़कर शराब में मिलावट करना आसान नहीं होगा। जल्द ही आबकारी दुकानों में शीशी व पैकेट वाली शराब की खेप पहुंच जाएगी। आबकारी अधिकारी जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि नई नीति के अनुसार देसी शराब कांच की शीशी और टेट्रा में मिलेगी। इसकी पैकिंग तैयार हो रही है। कुछ दिनों बाद आपूर्ति शुरू हो जाएगी।
प्लास्टिक की बोतलों में बिक रही शराब
अब तक देशी शराब प्लास्टिक की बोतल में बिकती थी।
इसकी सील तोड़कर मिलावट करना आसान था। अवैध शराब का धंधा करने वाले तस्कर बोतलों की व्यवस्था बड़ी आसानी से कर लेते थे। प्लास्टिक की बोतलों में मिलावटी शराब भरकर क्यूआर कोड आदि चस्पा कर बेची जाती थी। वहीं दुकानदार भी मिलावटखोरी करते थे। नई व्यवस्था से मिलावटखोरी पर रोक लगेगी।
आजमगढ़ में जहरीली शराब से हुई थी मौतें
फरवरी में आजमगढ़ में जहरीरी शराब के सेवन से आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। हाल ही में आबकारी विभाग व पुलिस की टीम ने जिले के सकलडीहा तहसील के विशुनपुरा गांव में अवैध शराब फैक्ट्री पकड़ी थी। यहां मिलावटी शराब बनाई जा रही थी। पुलिस ने भारी मात्रा में नकली शराब बनाने वाली सामग्री बरामद की थी। वहीं कांच की शीशी में शराब की पैकिंग से पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को भी बल मिलेगा।