संवाददाताः कार्तिकेय पाण्डेय
चंदौली। विधानसभा चुनाव की गहमागहमी तेज है। वायदों की बौछार हो रही है। इन सबके बीच मतदाता भी अपना मत बना रहे हैं। वहीं विधानसभा चुनाव को लेकर महिला शिक्षकों की भी अपनी अपनी अलग ही राय है। कहा कि विधानसभा क्षेत्र का विधायक ऐसा होना चाहिए जो शिक्षित, ईमानदार होने के साथ शिक्षा को बढ़ावा देने वाला हो। शिक्षकों के हित रखने वाली सरकार का चयन किया जाएगा।
शिक्षिका अनिता यादव ने कहा कि हमारा विधायक ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, और सहनशील, चरित्रवान और जनसेवक हो। हमारे विधायक में संघर्ष की क्षमता असीमित हो और जाति धर्म से ऊपर उठकर कार्य करने वाला होना चाहिए। समाज को शिक्षित करने वाले व्यक्ति को समझने वाला होना चाहिए। सबका साथ सबका विकास की भावना से अभिसिंचित हो।
शिक्षिका सुषमा केसरी ने कहा कि शिक्षा देश की आने वाली भावी पीढ़ी को तैयार करती है। इस बार सरकार और हमारे क्षेत्र का विधायक ऐसा होना चाहिए। जिसकी शिक्षा के प्रति स्पष्ट नीति हो। शिक्षकों को शिक्षा को बढ़ावा देने वाली समिति बनाने की जिम्मेदारी सौंपी जाए। ऐसे विधायक का चयन किया जाएगा।
प्राथमिक विद्यालय मुहम्मदाबाद की प्रधानाध्यापिका मोनिका श्रीवास्तव ने कहा कि इस बार के विधानसभा चुनाव शिक्षकों को वहीं विधायक पसंद होगा जो शिक्षकों की पेंशन बहाली के लिए सदन में आवाज उठाए। शिक्षकों को भी कैशलेस इलाज की स्वीकृति प्रदान करवाने की पहल करे। इस पिछड़े इलाके में शिक्षा को और बढ़ावा दे सके जिससे कि गरीब तबके के बच्चे शिक्षित होकर आगे बढ़ सकें।
सावित्रीबाई फुले राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की प्रवक्ता डॉ प्रियंका पटेल ने कहा कि हम लोगों को शिक्षक कर्मचारी व समाज हित में काम करने वाली सरकार चाहिए। अपने विधानसभा क्षेत्र का विधायक ऐसा होना चाहिए जो कि शिक्षकों के हितों में कार्य कर सके और ऐसी सुविधा होनी चाहिए जिससे कि गरीब तबके के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके।