बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और उनका गिरोह योगी सरकार के निशाने पर है। एक के बाद एक कार्रवाई का सिलसिला बदस्तूर जारी है। मुख्तार अंसारी गिरोह के माफियाओं व सहयोगियों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में विगत 87 दिनों में कुल 20 करोड़ 65 लाख 20 हजार की चल-अचल संपत्तियों को जब्त किया जा चुका है।
मऊ। मुख्तार अंसारी गिरोह आईएस 191 के अत्यंत नजदीकी, कोयला माफिया व अपराधिक गैंग आईआर- 09 के सदस्य हिस्ट्रीशीटर राजेश उर्फ राजन सिंह की 35 लाख 23 हजार 600 रूपये की संपत्ति गुरुवार को मऊ ने जब्त कर ली। मुख्तार अंसारी के साथ मन्ना सिंह हत्याकांड 2009 में गवाह राम सिंह मौर्या और सुरक्षा में लगे आरक्षी सतीश हत्या में सह अभियुक्त रहे त्रिदेव कंस्ट्रक्शन, त्रिदेव कोल डिपो, त्रिदेव ग्रुप के पूर्व मालिक कोयला माफिया राजेश सिंह निवासी अहिलाद जनपद मऊ की अपराध व अवैध रूप से अर्जित धन से बनाई गई संपत्ति धारा 14(1) गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की गई। सीओ सिटी के नेतृत्व में थानाध्यक्ष सरायलखंसी, कोतवाली व दक्षिणटोला ने कार्रवाई करते हुए लगभग 35 लाख 23 हजार 600 रुपये कीमत की प्रॉपर्टी जब्त की।
गवाह और आरक्षी की हत्या में मुख्तार के साथ सह अभियुक्त
पुलिस ने अनुसार राजेश सिंह उर्फ राजन सिंह ग्रुप का संचालन अपने भाई उमेश सिंह के साथ मिलकर करता रहा है। इसके द्वारा मुख्तार अंसारी व गिरोह की आर्थिक रूप से मदद पिछले दो दशकों से की जाती रही है। वर्ष 2009 में मन्ना सिंह हत्याकांड में गवाह राम सिंह मौर्य व उनके सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी आरक्षी सतीश की सन 2010 में ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी। अभियोग में राजन सिंह, मुख्तार अंसारी के साथ सह अभियुक्त है। इस हत्याकांड के संबंध में थाना दक्षिणटोला में मुख्तार अंसारी, राजन सिंह व अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध 2010 में मुकदमा दर्ज किया गया। इसके अलावा भी राजन सिंह के विरुद्ध कुल 08 अभियोग पंजीकृत है। पिछले दो दशकों के दौरान राजन सिंह व उमेश सिंह के द्वारा मुख्तार अंसारी व गिरोह के मुख्य शरणदाता व आर्थिक मददगार के रूप में अतिसक्रिय व अग्रणी भूमिका रही है। माफिया से संबंधों फायदा उठाकर इंदारा कोपागंज में कोल डिपो स्थापित कर मोनोपोली बनाते हुए कोयला माफिया के रूप में इन दोनों के द्वारा अर्जित धन से मुख्तार अंसारी गिरोह की फंडिंग लंबे समय से की जाने की भी बात प्रकाश में आई है। राजेश उर्फ राजन सिंह के भाई उमेश सिंह की अपराध व अवैध रूप से अर्जित लगभग 6.5 करोड़ रूपये की संपत्ति पूर्व में जब्त की जा चुकी है।