चंदौली। रेलवे के इंडियन इंस्टीच्यूट मैदान में गुरुवार को अमृत महोत्सव कार्यक्रम का सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ समापन हुआ। इस दौरान भारत माता की आरती उतारी गई। सभा में लोगों को देश को आजादी दिलाने में जान न्योछावर करने वाले बलिदानियों की गाथा सुनाई गई। गंगा समग्र के राष्ट्रीय संगठन मंत्री एवं सामाजिक कार्यकर्ता रामाशीष ने कहा कि स्वतंत्रता की गाथा ईसाकाल के पूर्व 500 वर्ष से प्रारंभ हुई। जब सिकंदर ने भारत पर आक्रमण किया था। उसके बाद भी अन्य आक्रमणकारियों का आने का क्रम जारी रहा, लेकिन भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा नुकसान मोहम्मद बिन कासिम ने किया। जिसने ईसा 712 में आक्रमण ही नहीं किया बल्कि देश को लूटा और महिलाओं पर अत्याचार किया। यह संघर्ष 1801 तक चलता रहा इसमें अनगिनत लोग बलिदान हो गए। अंग्रेज तो नुकसान किया, लेकिन उसके पहले का जो नुकसान था, उस पर अंतिम कील अंग्रेजों ने ठोकी। कहा यदि समाज बंटेगा तो देश बंटेगा और हमें समाज को बांटने से बचाना है। संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष एवं काशी विश्वनाथ न्यास के अध्यक्ष डाक्टर नागेंद्र पांडेय ने इस बात पर जोर दिया कि स्वतंत्रता के बाद जो भी कमियां रह गई हैं, उन कमियों को हम सभी दूर करने का प्रयास करना चाहिए, लेकिन सावधान भी रहें क्योंकि अपने देश में ऐसे भी तत्व हैं, जो भारत माता की जय और वंदे मातरम बोलने से परहेज करते हैं। इस दौरान किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक गुलाब सिंह, भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक डॉक्टर केएन पांडेय, विशाल तिवारी, डाक्टर अजय सिंह, आलोक पांडेय, सुधीर पांडेय, नागेंद्र, जगदीश कुमार, कैलाश खरवार, डाक्टर अनिल यादव, अजीत सिंह, रामकिशोर पोद्दार आदि मौजूद थे।