वाराणसी। नकली दवाएं वाराणसी में भंडारण करके उन्हें देश के विभिन्न इलाकों में सप्लाई करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के पांच सदस्यों को उत्तर प्रदेश व ओडिशा एसटीएफ ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर विभिन्न पेटेंट दवा कंपनियों के नाम की नकली दवाएं लगभग 35 पेटी बरामद हुई। इनका अनुमानित कीमत 25 लाख रुपये है। गिरोह दवाएं कहां-कहां सप्लाई करता था इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।
एसटीएफ की स्थानीय इकाई के इंस्पेक्टर अमित श्रीवास्तव के अनुसार दो मार्च को नकली दवा कारोबार करने वाले गिरोह का राजफाश करते हुए बुलंदशहर के अशोक कुमार को गिरफ्तार किया गया था। उसकी निशानदेही पर साढ़े सात करोड़ की नकली दवा पकड़ी गई थी।
इस मामले की जांच के दौरान जानकारी हुई कि बनारस से ओडिसा राज्य के जनपद बारगढ़ एवं जसूरगुडा में भी नकली दवाओं की सप्लाई की गई थी। वहां मुकदमा दर्ज किया गया था और कुछ लोगों को गिरफ्तार करके बनारस से दवा भेजने वालों के बारे में जानकारी जुटाई गई थी। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए ओडिशा एसटीएफ ने स्थानीय एसटीएफ के संपर्क किया। दोनों की संयुक्त टीम ने बनारस में अलग-अलग स्थानों से पांचों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
इन नकली दवाओं की आपूर्ति वाराणसी की तीन फर्मों मिसिर पोखरा लक्सा रोड स्थित बेबी एंटरप्राइजेज, चौबेपुर स्थित जेपी मेडिकल और नीचीबाग के गुरु कृपा मेडिकल से की जाती थी। पकड़े गए आरोपी चंद्रशेखर की सप्तसागर दवा मंडी में दुकान है। तीन कंपनियों की नकली दवाएं वहां से अलग अलग प्रदेशों में भेजी जाती थी।
नकली अनवांटेड किट झारखंड भेजने की तैयारी थी। इसके लिए सारनाथ थाना क्षेत्र के टडिया चकबीही में रितेश जायसवाल के नकली दवा के गोदाम पर उसके साथ चंद्रशेखर सिंह व गौरव शर्मा मौजूद थें। तीनों को वहां से एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। इसके पहले केदारघाट से शुभम जायसवाल व अभिषेक कुमार सिंह को दबोचा गया।