वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के साइंस फैकल्टी में क्लर्क की नौकरी लगवाने के नाम पर जालसाज खुद को प्रोफेसर बताते हुए दो लाख की ठगी कर मोबाइल बंद कर फरार हो गया। भुक्तभोगी की शिकायत पर लंका पुलिस मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश में जूट गई है।
जानकारी के अनुसार, चितईपुर थाना क्षेत्र के नारायणी विहार कॉलोनी के रहने वाले चंद्रशेखर सिंह बीते 12 मई को लंका रविदास गेट पर खड़े होकर मोबाइल पर अपने रिश्तेदार से बात कर रहे थे। उनकी बातों को सुनकर उनके बगल में खड़ा एक आदमी पास आया और बोला कि आप किसकी शादी की बात कर रहे थे। इसके बाद बिरादरी के बारे में पूछा।
जालसाज ने अपने बेटे को मुंबई में इंडियन नेवी में सर्विस करने का हवाला दिया। बातचीत के बाद जालसाज ने कहा कि आपकी लड़की पसंद आ जाएगी तो हम अपने बेटे से शादी कर देंगे। खुद को बीएचयू के साइंस फैकल्टी में मैथ का प्रोफेसर बताया। खुद का नाम डॉक्टर सुधीर कुमार सिंह बताया। इसके बाद चंद्रशेखर का मोबाइल नंबर लेकर शादी संबंधित बातचीत करने लगा।
बातचीत के दौरान ही जालसाज ने कहा कि हमारे विभाग में क्लर्क के लिए जगह निकला है। इसके लिए चार लाख रूपये लगने की बात कही। बातों में आकर चंद्रशेखर ने बीते 15 मई को दो लाख रुपए दिए। डॉक्यूमेंट के साथ अपने बेटे को लेकर बीएचयू होल्कर भवन पहुंचे। जहां पैसा लेने के बाद जालसाज भीतर चला गया। कुछ देर बाद बाहर निकला और बोला कि मेरी बात हो गई है।
बाकी पैसा जॉइनिंग के बाद दे दीजिएगा। इसके बाद शाम को अपने आवास मीरा कॉलोनी में नाम पूछ कर आने के लिए घर के लिए बोला। शाम को चंद्रशेखर अपने बेटे लक्की सिंह के साथ बताए गए स्थान पर पहुंचे। वहां उस नाम का कोई प्रोफेसर नहीं मिला। और उसका मोबाइल भी बंद हो गया। ठगी का पता चलने पर भुक्तभोगी ने लंका थाने में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है।