वाराणसी। शहर में डेंगू के तीन नए मामले सामने आए हैं। बीएचयू के निकट हैदराबाद गेट, सुसुवाही और भगवानपुर में डेंगू के मरीजों की पुष्टि हुई है। वहीं रैपिड टेस्ट में चिरईगांव के सात बच्चों में बुखार की पुष्टि हुई। अब जिले भर में डेंगू के कुल 111 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। वहीं संदिग्धों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। एनएस रैपिड किट में 1434 मरीज बुखार और डेंगू के संदिग्ध पाए गए हैं। जिला मलेरिया अधिकारी एससी पांडेय ने बताया कि शहर में डेंगू के 81 एक्टिव केस हैं। बाकी के मरीज ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों और पीएचसी में भर्ती हैं। सड़क पर फैले दूषित पानी के कारण सुसुवाही इलाके में बीमारी बढ़ रही है। हैदराबाद गेट, सुसुवाही और भगवानपुर की हर सड़क और गली अब नाली के गंदे पानी से बजबजा रही है। वाराणसी को एनएच-2 हाइवे से जोड़ने वाली इस सड़क पर दुश्वारियां इतनी हैं कि लोग मोटरसाइकिल से भी चलना नहीं चाहते। करीब एक किलोमीटर तक क्षेत्र में आने वाले घरों की नालियां इस सड़क पर ही खुलती हैं। दरअसल अतिक्रमण के कारण नालियां भर चुकी हैं। वहीं खुली नाली होने से पानी ओवरफ्लो हो रहा है। जिला प्रशासन व स्थानीय विधायक के पास अभी तक इसका कोई हल नहीं निकला। इस नकारेपन का अंजाम अब जनता भुगत रही है। इससे यहां पर डेंगू समेत अन्य कई बीमारियां भी फैलने लगीं हैं। एससी पांडेय के अनुसार डेंगू के सबसे अधिक 19 मरीज गैलेक्सी हॉस्पिटल में भर्ती हैं। इसके बाद एपेक्स में 16, बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में 12, मंडलीय अस्पताल में 9 और पापुलर अस्पताल में 8 मरीजों का इलाज चल रहा है। बीएचयू में डेंगू और बुखार के बढ़ते मरीजों के बीच 60 बेड भी अलग से तैयार किए गए हैं। ये बेड बीएचयू के सुपर स्पेश्यालिटी ब्लॉक में लगाए गए हैं।
एससी पांडेय ने बताया कि जिन-जिन इलाकों में मरीज मिले हैं। वहां पर एंटी लार्वा का छिड़काव किया गया है। वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 919 बाढ़ग्रस्त इलाकों में एंटी लार्वा छिड़काव का कार्य पूरा किया गया है। बुधवार को डेंगू प्रभावित 25 इलाकों में छिड़काव किया गया। नगर निगम भी रोज शाम को 82 स्थलों पर फॉगिंग करा रही है।
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