
चंदौली। कोरोना महामारी फैलने के बाद शासन और जिला प्रशासन का पूरा जोर संक्रमण को रोकथाम पर था। लिहाजा ग्रामीणों क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था चरमरा गई। पहले चंदौली डीपीआरओ कोरोना चपेट में आए फिर एक के बाद एक कई कर्मचारी भी संक्रमण का शिकार हुए। बहरहाल अब स्थिति नियंत्रण में है। आगामी पर्वों के मद्देनजर मिशन निदेशक स्वच्छ भारत मिशन ने 10 से 16 अक्तूबर तक विशेष सफाई अभियान चलाने का फरमान जारी किया है। दो दिन में यह मियाद समाप्त भी हो जाएगी लेकिन अभियान चलाना तो दूर की बात है अधिकांश गांवों में सफाईकर्मी झांकने तक नहीं गए।
कोरोना का रोना रोकर पंचायत राज विभाग आसानी से अपने दायित्वों से पल्ला झाड़ ले रहा है। गांवों की स्थिति बदहाल है। जहां ग्राम प्रधान सजग हैं वहां थोड़ी बहुत साफ-सफाई हो जा रही है लेकिन अन्य जगहों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। ऐसा नहीं कि पंचायत राज विभाग तक शिकायतें नहीं पहुंच रहीं। लेकिन पूरा ठीकरा कोरोना पर फोड़ दिया जा रहा है।
शासन का आदेश दरकिनार
मिशन निदेशक स्वच्छ भारत मिशन ने आदेश जारी करते हुए 10 से 16 अक्तूबर तक विशेष सफाई अभियान चलाने की बात कही है। डीपीआरओ ने सभी सहायक विकास अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अपने-अपने क्षेत्र में अनुपालन सुनिश्चित कराएं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन संबंधी फोटा और सूचना ह्वाट्सएप ग्रुप पर उपलब्ध कराएं। लेकिन जब बड़े अधिकारी शासन का आदेश नहीं मान रहे तो मातहत क्यों अपना सिरदर्द बढ़ाएं। नतीजा ढाक के तीन पात।