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चुनाव में पैसा खर्च करने में सकलडीहा बीजेपी प्रत्याशी सूर्यमुनी तिवारी सबसे आगे, मनोज डब्लू फूंक-फूंक कर रख रहे कदम

 

चंदौली। चुनाव में जो प्रत्याशी खर्च करने में जितना आगे, उतने अधिक मतदाता उसके पीछे। इस बार विधानसभा चुनाव में भी कमोवेश यही फंडा चल रहा है। ऐसे में प्रत्याशी चुनाव खर्च में कंजूसी नहीं कर रहे हैं। इसमें सकलडीहा से भाजपा उम्मीदवार सूर्यमुनी तिवारी सबसे आगे हैं। उन्होंने 28 फरवरी तक 14 लाख से अधिक चुनावी खर्च किया। मुगलसराय से सपा प्रत्याशी चंद्रशेखर यादव 10 लाख तो सुशील ने 9.88 लाख खर्च किया है। विधानसभा चुनाव में धनबल का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है।

विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के खर्च पर निर्वाचन आयोग की नजर है। इस बार प्रत्याशियों को अधिकतम 40 लाख तक खर्च करने की छूट है। हालांकि उनसे पाई-पाई का हिसाब लिया जा रहा है। प्रत्याशियों ने व्यय प्रेक्षक के समक्ष प्रस्तुत रिपोर्ट में 28 फरवरी तक का चुनाव खर्च दिखाया है। इसमें सूर्यमुनी तिवारी ने सबसे अधिक 14.42 लाख खर्च किया है तो उनके प्रतिद्वंदी सपा प्रत्याशी व विधायक प्रभुनारायण यादव ने 6.15 लाख तो कांग्रेस के देवेंद्र प्रताप सिंह मुन्ना ने 4.32 लाख खर्च किए हैं। जिले की हाट सीट मानी जा रही सैयदराजा से भाजपा उम्मीदवार सुशील सिंह अन्य प्रत्याशियों की तुलना में दरियादिली दिखा रहे हैं। उन्होंने 9.88 लाख खर्च किया है। सपा प्रत्याशी मनोज सिंह डब्लू चुनाव खर्च में कांग्रेस प्रत्याशी विमला से भी पीछे हैं। मनोज ने 2.79 लाख तो विमला ने 3.99 लाख खर्च किया है। मुगलसराय से सपा प्रत्याशी चंद्रशेखर यादव ने 10 लाख से अधिक खर्च किया है। भाजपा के रमेश जायसवाल ने 7.35 लाख, बसपा प्रत्याशी इरशाद अहमद ने 3.33 लाख तो कांग्रेस के छब्बू पटेल ने 1.71 लाख खर्च किया है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित चकिया विधानसभा से सपा प्रत्याशी जितेंद्र कुमार ने दिल खोलकर खर्च किया है। उन्होंने 7.59 लाख तो भाजपा के कैलाश खरवार ने 3.92 लाख खर्च किया है। बसपा के विकास आजाद ने 3.46 लाख तो जन अधिकार पार्टी प्रत्याशी सुभाष सोनकर ने 2.17 लाख खर्च किया है।

निर्दल नहीं कर रहे जेब खाली
चुनाव खर्च में निर्दलीय प्रत्याशी जेब खाली नहीं कर रहे हैं। कई प्रत्याशी ऐसे हैं, जिन्होंने अब तक मात्र पांच हजार ही खर्च किया है। उन्होंने अपने व्यय लेखा में इतनी धनराशि का ही उल्लेख किया है।

चार को व्यय लेखा का होगा मिलान
प्रत्याशियों के चुनावी खर्च के व्यय लेखा का मिलान चार मार्च को किया जाएगा। व्यय प्रेक्षक की ओर से दो बार व्यय लेखा का मिलान किया जा चुका है। चार मार्च को प्रत्याशियों को चुनाव खर्च के पूरे विवरण के साथ बुलाया गया है।

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