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चंदौली: नौकरी के नाम पर कमरे में बंधक बनाकर रखे गए थे 21 नाबालिक, सिखा रहे थे गलत काम, सीडब्ल्यूसी और पुलिस ने मारी रेड

चंदौली। मुग़लसराय कोतवाली क्षेत्र के चंधासी में नौकरी दिलाने के नाम पर नाबालिक बच्चों को कमरे में बंधक बनाकर रखा गया था। सीडब्लूसी और पुलिस ने छापेमारी कर 21 नाबालिगों सहित कुल 39 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया। पुलिस कुछ आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ में जुटी है।

दरअसल नेटवर्किंग कम्पनी में ट्रेनिंग के नाम पर बच्चों को बुलाकर बंधुआ मजदूर बनाकर रखा जाता था। ट्रेनिंग के बाद नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम भी वसूली जाती थी। बरामद किए गए बच्चों में ज्यादातर बिहार और झारखंड के हैं। सभी को किराए के कमरों में अमानवीय तरीके से रखा गया था। घटना का खुलासा तब हुआ जब बंधकों में से एक किशोरी किसी तरह भागकर एनजीओ कर्मी के पास पहुंची और पूरी बात बताई। सीडब्ल्यूसी की पहल पर पुलिस ने रेड डालकर 21 नाबालिगों सहित कुल 39 लोगों को मुक्त कराया। वहीं इस गिरोह में शामिल कुछ लोगों को पुलिस ने लिया हिरासत में ले लिया है। पीड़ित बच्ची ने बताया कि ग्लेवे कंपनी के नाम पर यह कह कर उसे बुलाया गया कि 15 हजार की नौकरी दी जाएगी और ऑफिस में काम करना है। लेकिन लड़की जब मुगलसराय पहुंची तो उससे 8500 रुपये ले लिए गए। यही नहीं ट्रेनिंग के नाम पर गलत चीज बताई जाने लगी। लड़की ने ट्रेनिंग दे रहे लोगों से कहा कि वह नौकरी नहीं करना चाहती है और वापस घर जाना चाहती है। लेकिन उसे डरा धमका कर रोक दिया। बीते 28 दिनों में इस लड़की ने कई बार वहां से भागने का प्रयास किया था। जिसके बाद संचालकों ने उसने एक दूसरे स्थान पर ले जाकर रख दिया गया। जहां पहले से भी काफी बच्चे थे, लड़की ने बताया कि किसी तरह वहां से भागकर मुगलसराय स्टेशन पहुंची और वहां उसने एक स्वयंसेवी संस्था कर्मी से पूरी बात बताई।

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