चंदौली। ग्राम पंचायतों में उम्दा काम करने वाले जिले के पांच ग्राम प्रधानों का चयन मुख्यमंत्री पंचायत पुरस्कार के लिए किया गया है। ग्राम प्रधानों को गांवों के विकास के लिए अधिकतम 11 लाख व न्यूनतम दो लाख रुपये धनराशि दी जाएगी। ग्राम पंचायतों की आईडी, बैंक खाता संख्या की डिटेल भेज दी गई है। शासन स्तर से सीधे खाते में ईनाम राशि पहुंचेगी।
शासन स्तर से ग्राम पंचायतों में विकास के लिए धनराशि मुहैया कराई जाती है। इसकी मानीटरिंग भी होती है। इसमें जिले के पांच गांवों का प्रदर्शन काफी उम्दा रहा। इस पर पांचों ग्राम प्रधानों का चयन मुख्यमंत्री पंचायत पुरस्कार के लिए किया गया है। इससे प्रधान गदगद हैं। वहीं गांवों में विकास को रफ्तार मिलने की उम्मीद भी जग गई है। शासन स्तर से मिलने वाली ईनाम राशि से ग्राम पंचायतों का विकास कराया जाएगा।
इन ग्राम प्रधान का हुआ चयन
चहनियां ब्लाक के कांवर गांव की ग्राम प्रधान धीरज सिंह पहले पायदान पर हैं। गांवों में नाली, सड़क, पेयजल आदि की सुविधा मुकम्मल है। गांव को यूनिसेफ की ओर से गोद लिया गया है। गंगा किनारे स्थित कांवर गांव में नमामी गंगे योजना भी रफ्तार पकड़ चुकी है। शासन स्तर से ग्राम पंचायत के विकास के लिए 11 लाख रुपये मिलेंगे। दूसरे स्थान शहाबगंज ब्लाक के राममाड़ो ग्राम पंचायत के प्रधान पवन प्रताप सिंह दूसरे स्थान पर हैं। जलनिकासी की समुचित व्यवस्था, पुराने वृक्षों के संरक्षण पर ध्यान दिया। इसके अलावा सार्वजनिक तालाब का पक्का घाट, पौधरोपण, हैंडपंपों के सामने सोखता गड्ढा बनवाने का काम किया। ग्राम पंचायत के विकास के लिए नौ लाख मिलेंगे। सकलडीहा ब्लाक के नई कोट के प्रधान वीरेंद्र कुमार सूची में तीसरे पायदान पर हैं। इन्होंने ग्राम पंचायत में सड़क, पेयजल, जलनिकासी की व्यवस्था को समुचित करने का कार्य किया। ग्राम पंचायत को सात लाख तक ईनाम की धनराशि मिलेगी। शहाबगंज ब्लाक के खास गांव के प्रधान कमलेश यादव चौथे स्थान पर हैं। गांव में पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने और जनसुविधाओं को बढ़ाने की दिशा में ईमानदारी से प्रयास किया। ग्राम पंचायत को चार लाख रुपये ईनाम मिलेगा। चकिया ब्लाक के डहिया ग्राम पंचायत के राकेश गुप्ता पांचवें स्थान पर हैं। ग्राम पंचायत में बेहतर काम करने पर दो लाख रुपये ईनाम मिलेगा।
पांच ब्लाकों में नहीं मिला कोई योग्य प्रधान
मुख्यमंत्री पंचायत पुरस्कार की कसौटी पर जिले के चार ब्लाकों के प्रधान ही खरे उतर सके। सदर, नियामताबाद, बरहनी, धानापुर व नौगढ़ में इसके लिए कोई योग्य प्रधान नहीं मिला। इसकी वजह से इन गांवों के किसी भी प्रधान का नाम सूची में शामिल नहीं है।