
चंदौली। खबर चलाए जाने से नाराज होकर वेब मीडिया के पत्रकारों कार्तिकेय पांडेय और रोहित तिवारी के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराने वाले बीजेपी विधायक शारदा प्रसाद को कोर्ट से झटका लगा है। विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट अंबर रावत ने कार्तिकेय पांडेय की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। शारदा प्रसाद अपने मुकदमे के संबंध में कोई ठोस साक्ष्य कोर्ट के सामने प्रस्तुत नहीं कर सके। कोर्ट ने यह भी माना कि वादी की ओर से महज कार्यकर्ताओं के कहने पर एफआईआर दर्ज करा दी गई।

चकिया भाजपा विधायक ने अपने खिलाफ लगातार खबर चलाए जाने से नाराज होकर दो युवा पत्रकारों कार्तिकेय पांडेय और रोहित तिवारी के खिलाफ चकिया कोतवाली में एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा पंजीकृत करा दिया। पुलिस ने भी विधायक के दबाव में फौरी कार्रवाई करते हुए 25 अगस्त को कार्तिकेय पांडेय को जेल भेज दिया। इस मामले में विधायक की खूब किरकिरी हुई। पूरे प्रदेश से विरोध के स्वर उठे। पत्रकारों ने भी चंदौली से लेकर लखनऊ तक विरोध दर्ज कराया। अधिवक्ता झन्मेजय सिंह और पंकज सिंह ने न्यायालय में दमदारी से पीड़ित पत्रकारों का पक्ष रखा। विधायक की ओर से भी अधिवक्ताओं ने अपना तर्क दिया। अंत में विशेष न्यायाधीश ने कार्तिकेय पांडेय की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया।