
चंदौली। पीडीडीयू जंक्शन पर तैनात आरपीएफ जवानों की मोकामा जाते समय हत्या के मुख्य आरोपित को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से जमानत मिल गई। इसमें पुलिस की लापरवाही स्पष्ट है। पुलिस ने समय से अदालत में आरोपपत्र दाखिल नहीं किया। इसके चलते अदालत ने आरोपित को जमानत दे दी।
जमुनिया थाना के देवेथा गांव निवासी तरबेज खान ने इस आशय की तहरीर दी थी कि उनका भाई आरपीएफ जवान जावेद खान अपने साथी प्रमोद कुमार के साथ गुवाहाटी एक्सप्रेस से पीडीडीयू स्टेशन से मोकामा जा रहे थे। बदमाशों ने मारपीट कर ट्रेन के बाहर फेंक दिया। इससे दोनों आरपीएफ जवानों की मौत हो गई थी। उनके शव रेलवे ट्रैक के पास बरामद होने के बाद हड़कंप मच गया था।
गाजीपुर पुलिस ने घटना में शामिल कई आरोपितों का एनकाउंटर भी किया था। मुख्य आरोपित बिलेंद्र पासी की गिरफ्तारी हुई थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने उसे जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा कि यदि पुलिस समय से आरोपपत्र प्रस्तुत कर देती तो आरोपित को जमानत का लाभ नहीं मिल पाता। अदालत ने एक-एक लाख के निजी बंधपत्र पर रिहा करने का आदेश दिया।